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गुरुवार, 7 मई 2020

PM Narendra modi ka bhauk Apil par poem । पी एम नरेन्द्र मोदी के भाउक अपील पर कविता।

नमस्कार दोस्तों, 

हमारे हिन्दी आर्टिकल में आप सभी का बहुत बहुत स्वागत है। आज मैं आप सभी के समक्ष माननीय प्रधानमंत्री जी का जनता से किस तरह नियमों का पालन करने के लिए अनुरोध किया,जो मेरे हृदय को द्रवित कर दिया। मैंने अपनी  लेखनी से  इस भाउक अपील को शब्दों में बांधने क प्रयास किया है  जो निम्नवत है । 

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पी एम नरेन्द्र मोदी के भाउक अपील पर कविता                      

                           
PM Narendra modi ke bhauk apil par poem

Photo PM Narendra modi

              
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आज दिनांक 24.03.2020 को 8PM माननीय PM Narendra modi प्रधानमंत्री जी ने बड़ा ही भाउक मन से  जनता से  अपील किया कि 25 मार्च से  सभी 21 दिन तक घर से बाहर नहीं  निकलें। तभी हम कोरोना से निजात पा सकते हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि महोदय की बात माने क्योंकि कोरोना बहुत तेजी से पूरी दुनिया के साथ- साथ भारत में भी अपने पाँव पसार रहा है, जानते है कैसे? क्योकि हम उसकी मदद कर रहे हैं। कृपया कोई घर से  बाहर नहीं जाये।

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PM Narendra Modi ke bhauk Apil par kavita 

बुरे वक्त में एक दूसरे का सहयोग करना मानव धर्म है कृपया इस वक्त मनुष्य होने का परिचय दें,  मानव धर्म का पालन करें। सभी मित्रों से यही विनती और उम्मीद है और मुझे पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर यह जंग जरूर जीतेंगे।
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अब आइए निम्नवत कविता से सीखे  और संकल्प लें  कि हम इस महामारी से स्वयं को संयमित कर निजात पाये।
Janta se pradhanmantri ka bhauk apil.

Maa Bharti 

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                      कविता 

       मांगे जब सहयोग देश का राजा 
              अपनी प्रजा से ।
       जानो तब गहरा संकट  है ,
           देना सहयोग श्रद्धा से। 

       एक अकेला रुक जायेगा, 
         अगर न दोगे साथ तुम।
       सबका जीवन थम जायेगा ,
         अगर न रुके आज तुम 
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        विनती कर बोले राजा ,
        अपना फर्ज निभाओ तुम। 
           मां भारती पुकारती ,
       आज दुध का कर्ज चुकाओ तुम। 

       घर से बाहर  कदम ना रखो, 
         कुछ ही दिन की बात है। 
        महामारी का मानो यारों,
           कोई धर्म  ना जाति है। 
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PM Narendra modi ke bhauk apil par kavita 

        अपने से अपना अनुशासन, 
           खुद ही से तुम रखो।
         एक व्यक्ति से गाँव शहर तक, 
            यह सबक तुम सीखो। 

         आधी रोटी ठंढा पानी, 
         पीकर तुम रह सकते हो।
         जीवन  बच जायेगा तो, 
         तभी तुम घी पी सकते हो। 
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         कोरोना है छुवा छूत की बिमारी 
             यह कोई मजाक नहीं ।
           एक को जहां लगी तो जानो, 
         हजारों  होंगे साफ वहीं । 

          अरे, देश के मनचलों ,
        छोड़ो अपनी मनमानी। 
        देश तुम्हारा है क्यों? देश से, 
            करते हो बेइमानी। 
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PM Narendra Modi ke bhauk apil par kavita         न्यूज चैनल पर मेरा राजा, 
       जब विनती कर रहा था। 
       नम हो गई मेरी आँखें,
        दिल मेरा रो रहा था। 

       हम सबका कर्तव्य यही,
         रक्षा स्वयं करना है। 
      हम बचेंगे देश बचेगा, 
        तभी हमें बढ़ना है। 
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                              जयहिंद। जय भारत।

        धन्यवाद पाठकों, 

        रचना- कृष्णावती कुमारी, 

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