Dharm aur vigyan
धर्म और विज्ञान के बीच कोरोना गीत
mandir masjid church gurudwara |
दुनियां का कोई भी धर्म आडम्बर विहीन नही है, जिसके कारण नास्तिकता जन्म लेती है और नास्तिको को आश्रय विज्ञान की गोंद मे मिलता है। वर्तमान समय मे जब कोरोना ने धर्म के आधार ईश्वर और विज्ञान दोनों के सामर्थ्य को चुनौती दे रखी है ।अब नास्तिक और आस्तिक एक दूसरे को कमजोर साबित कर अपने आप शक्तिशाली दिखाने में लगे हुए है । आज समय की मांग है कि सभी एक जुट होकर इस आपदा से निपटे। कोई कहता है कि ईश्वर होता तो प्रार्थना या दुआओं से ये बीमारी भाग गई होती तो कोई ये तर्क देता हुआ मिलता है कि अमरीका और जर्मनी ने तो अधिक संख्या में हॉस्पिटल बनवाया है, फिर वे क्यों इस महामारी के सामने पंगु दिखाई पड़ रहे है। मित्रों हमें समझना चाहिए कि धर्म और विज्ञान दोनों का महत्व अलग अलग है। जहाँ विज्ञान हमारे जीवन को आसान बनाती है तो वहीं धर्म हमें नैतिक आचरण से जीवन जीना सिखाती है। यदि धर्म और विज्ञान में उपरोक्त गुणों का अभाव होता है तो वह अपना जड़ ही खो देते है। इसलिए धर्म एक दूसरे के विरोधी नही बल्कि पूरक है। धर्म के बिना विज्ञान जहां नैतिकता विहीन होकर केवल मारक अस्त्र बनाती रहेगी वही वैज्ञानिकता विहीन धर्म केवल लोगों को मूर्ख ही बनाती रहेगी। इसीलिए आज इस कोरोना जैसी भयावह बिमारी से निपटने में हम सभी भेद भाव भूलकर अनुशासन बनाये रखे। सरकार द्वारा दिये हुए सभी नियमों का पालन करें। घर में रहें, अतिआवश्यक कार्य से ही सुरक्षित होकर घर से बाहर निकलें।
आइए इन सभी बातों से उपर उठ कर कुछ नया करने की कोशिश करते हुए इस गीत के माध्यम से लोगों में जागरुकता फैलाए।
कोरोना गीत
हारों नहीं बस डटे रहों तुम
बनकर के चट्टान,
कोरोना कुछ दिन का मेहमान-2
Corona virus |
वक्त कभी ना ठहरा है जी,
वक्त कभी ना ठहरेगा।
धैर्य रखो तुम संकट की घड़ी,
परचम अपना लहरेगा ।
विजय पताका गगन चुमेगा,
बनकर जग में महान,
कोरोना कुछ दिन का मेहमान -2
हारो......................... ।
जाति पाति से उपर उठकर,
लौक डाउन का पालन कर।
पड़े रहो तुम अपने घर में,
मिलना जुलना सब भुलकर।
त्राहि माम चहु ओर मचा है -2
रखलो इतनी मान।
कोरोना कुछ दिन का मेहमान- 2
हारो.......... ...... ...........।
ना ई देखे हिन्दू मुस्लिम
ना ई देखे ईशाई।
सारी दुनिया में ताण्डव है,
दिया कोरोना मचाई।
जीवन है अनमोल रतन धन2
यारो बचालो जान।
कोरोना कुछ दिन का मेहमान -2
हारो.......... .................।
जय हिंद,
धन्यवाद पाठकों
रचना-कृष्णावती
रचना-कृष्णावती
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