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मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

Sunderkand ka paath sath din Karen payen shighr laabh. सुन्दरकाणड का पाठ साठ दिन करें पायें शीघ्र लाभ

नमस्कार पाठकों,

Sunderkand ka paath sath din Karen payen shighr laabh.  सुन्दरकाणड का पाठ साठ दिन करें पायें शीघ्र लाभ।
Sunderkand ka paath 60 din karen payen shighr laabh

Photo Hanumanji ki


               दोस्तों आज मैं सुन्दरकाण्ड का पाठ करने से कैसे मनवान्छित फल प्राप्त होता है, सत्य घटना से अवगत कराउंगी। सन् 2007 मार्च की बात है। जब भी गाँव जाना होता था,गाँव की बड़ी बुजुर्ग महिला मिलने आती थी। आशीर्वाद स्वरुप ' भगवान एगो इनहुं के वंश दें!' जब भी गाँव जाती बार बार सुनने को मिलता था। मेरा मन विचलित हो गया वंश की प्रबल इच्छा हृदय में जागृत हो गई। इधर बेटी भी 6 साल की  हो गई थी।

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सुन्दरकाण्ड का पाठ साठ दिन करें पायें शीघ्र लाभ। 

               एक दिन मेरे हृदय में किसी विद्वान ब्राह्मण से मिलने की इच्छा जगी। बस, मै इस खोज में  अति तनमयता से लग गयी।  मैने अपनी बड़ी बहन से बात किया। उसने बताया आ जाओ एक दिन पंडित जी से मिलने चलते है, बिल्कुल उचित मार्ग दर्शन करते है। मैं अपने पति के साथ पण्डित जी से मिलने निकल पडी़। रात बहन के घर में बिती। सुबह जैसे ही चिड़ियों ने गीत गाना शुरु किया,शीघ्र निद्रा को त्याग कर तैयार हो बाबा यानि पण्डित जी से मिलने निकल पड़े। तीन किलोमीटर चलने के बाद मंदिर पहुंच गये। वहाँ पहुंचने पर लम्बी लाइन लगी हुई थी। हम दोनों पति पत्नी भी पंक्ति बध हो गए।
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             आखिरकार घंटों इंतजार के बाद हमारी बारी भी आ गयी। पण्डित जी ने हम पति पत्नी से नाम  और गाँव का नाम पूछा। इसके बाद उन्होनें भूत भविष्य और वर्तमान, तीनों का चिठा खोल के रख दिया। ऐसा लग रहा था जैसे ये हमारे साथ समय बितायें हो। उसके बाद मेंने पूच्छा -इसका कोई समाधान बतायें बाबा। बाबा ने कहा -लगातार 60 दिन  चार बजे भोर में ( ब्रह्म मुहूर्त  में) सुन्दरकाण्ड   का  पाठ करों ।" मैंने कहाँ बाबा कोई और  उपाय बतायें। यह बहुत कठिन है।
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             चार बजे भोर में यह पाठ कैसे हो पायेंगा? बाबा बोले हो जाएगा। मैं बहुत उधेड़बुन में थी। रास्ते भर यही सोच रही थी, हे प्रभो ये आपकी कैसी लीला है। ड्युटी, घर , भोर में सुन्दरकाण्ड का पाठ, ये सब कैसे होगा! निवास पर पहुंचने के बाद कुछ देर सोचती रही.........।

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सुन्दरकाण्ड का पाठ साठ दिन करें पायें शीघ्र लाभ 

कुछ देर बाद अचानक अन्दर से  आवाज आई! तुम कर सकती हो कृष्णा। मैने आनेवाला मंगलवार से सुन्दरकाण्ड का पाठ शुरू कर दिया। प्रथम दिन लगभग डेढ़ घंटे में पाठ का समापन हुआ। एक सप्ताह डेढ़ घंटे लगे। उसके बाद एक घंटा, फिर तो उत्साह बढ़ते गया और 60 दिन का पाठ का समापन हुआ।

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            आने वाले मंगलवार को विधि विधान से पुर्णाहुति करा कर पंडित जी को भोजन करवाया और दिल खोलकर  दक्षिणा दिया "सुना है दक्षिणा के अभाव में यग्य मर जाता है। " जब भी  यग्य करायें ध्यान रहें ब्राह्मण आपके दरवाजे से दुखी हो कर नहीं जाये। 

प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होता। फिर भी मैने आप सभी के लिए नीचे अपने बेटे का फोटो लगाया है।
Sunderkand ke path se ghighr labh
Photo my son 
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सुन्दरकाण्ड का पाठ साठ दिन करें पायें शीघ्र लाभ

              एक महीने बाद ही हमें परिणाम की प्राप्ति का आभास होने लगा। और 25 फरवरी 2008 को हमें पुत्र की प्राप्ति हुई। ज्वलन्त उदाहरण की बात करुं तो अभी मेरे बहुत ही करीबी दंपति जिन्हें कोई औलाद नहीं थी। मैंने उन्हें अपनी सारी घटना से अवगत कराया। उन्होने विधि विधान से सुन्दरकाण्ड का पाठ किया। आज उनके पास 4महीने की बिटिया है। 

                "निश्चय प्रेम प्रतीत ते
                  विनय करें सनमान ।
                  तेही के कारज सकल शुभ 
                  सिद्ध करे हनुमान। "
     

नोट- उम्मीद है आप सभी इस पाठ से अवश्य लाभ उठायेंगे। बिलकुल सत्य प्रमाण है। 

पूजन विधि 

गुड़, तील,चावल,लाल रोली, कपूर। 

दीपक तील के तेल से जालायें। 

संध्या समय -घर में सबसे पहले तील तेल से दीपक जलाये तत्पचात् घर की लाईट जायें। 


                  धन्यवाद पाठकों
                   रचना-कृष्णावती
          
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