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बुधवार, 18 मार्च 2020

Beti ke janm din par kavita evam shubhkaamnaye. बेटी के जन्मदिन पर कविता एवं शुभकामनाएं।

नमस्कार दोस्तों, 

आज ही के दिन 18 मार्च 2002को मेरी लाड़ली का मेरे घर जन्म हुआ।
Poem on girl baby birthday

Poem on girl baby birthday 


 परन्तु कई प्रसूतिशास्त्रीयों (Gynecologists) एवं हृदय विशेषज्ञों के अनुसार मेरी बिटिया को गर्भ में कई जटिलतायें  थी ।   एक माँ अपने बच्चे को नौ महिना पेट में पालती है और बड़े उमीद से उसके स्वागतार्थ इंतजार करती है। जब एक झटके में विपरीत परिणाम सामने आता है, तब आप सभी  सोच सकते हैं कि उस माँ पर क्या बितती होगी! परन्तु वो कहते   हैं  न "जाको राखे सांईयां मार सके ना कोई "।

उमीद की किरण जगी और शक्तिनगर एन टी पी सी  Hospital जहां देवी के रुप में डॉक्टर वीणा कुलश्रेष्ठ जी के कर कमलों से आपरेशन सफल हुआ। आज मेरी  बिटिया बारहवीं कक्षा विग्यान की परीक्षा सी.बी .एस .ई . बोर्ड से दे रही है। 
Poem on girl baby birthday

Poem on birthday 


मैं आभारी हूँ अपने जेष्ठजी और जेठानीजी का जिनका सानिध्य  मुझे शक्तिनगर में मिला। साथ ही मेरे आदरणीय ननदोई जी व ननदजी जिनका आपार सहयोग मिला। 

आज भी हमारे समाज में बिटिया के जन्म पर  परिवार खुश नहीं होता है।  मैं आप सभी का आह्वान करती हूँ कि समाज से ऐसी मानसिकता को  जड़  से  उखाड़ फेकने का संकल्प  लें। समाज को  एक माँ के  दर्द को समझना होगा।। 

 आईए माँ के एहसास  को मैंने एक कविता का रूप दिया है, इस बेटी के लिए आप सभी का प्यार और आशीर्वाद  अपेक्षित  है। 


                               कविता 


  घना अंधेरा दूर हुआ, किरणों संग सूरज आया। 
  उठो उठो सब वीस करो सम्रृद्धि का जन्मदिन आया। 

  जब तू आई मेरे आंगन खुशियों का बाहार ले आई। 
  तू मेरी रानी बेटी है, और तू है मेरी परछाई। 

   तेरी किलकारी से घर, आंगन मेरा गुंजा है। 
   मेरे दिल की बगिया में, तुझ-सा ना कोई दूजा है । 

कोमल सी पंखुड़ी, 🌹 गुलाब की, लगे तेरा नन्हा स्पर्श ।घुटनों बल जब चली आंगन में, इतराया आंगन का फर्श।
Poem on girl baby birthday
Poem on girl baby birthday 

    दिल की उमंग चेहरे की चमक चांद देख शरमाये ।
    होंठों की हंसी देख तेरा, समंदर भी लहराये । 

    युगों तक डटा रहे, वो पेड़ तुम हो। 
    विहड़ में भी राह बनाये, वो राहगीर तुम हो। 

    खुशियां तेरी दामन चुमें, वो तकदीर तुम हो। 
    दुनिया तेरी गुण गाये, वो संगीत तुम हो।

  तू है मेरी धड़कन, सांसों की तुम हो वो डोर ।
  तेरे बिन मेरा घर  सुना, तेरे बिन ना शाम ना भोर। 

  आज दूर तुम मुझसे लाढो़, क्या दूं मैं उपहार तुझे।
  बस यहाँ से दुवा कर सकती, मिले खुशियां हजार तुझे।

birthday card 

                         धन्यवाद पाठकों,

                         रचना-कृष्णावती ।

   





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