नमस्कार दोस्तों,
Corona vairus par poem. कोरोना वायरस पर कविता।
Corona vairus poem |
कोरोना वायरस से दुनिया भर में लगभग 5000 लोग जान गंवा चुके है। अमेरिका ने इमर्जेन्सी घोषित कर दिया है। भारत में भी दो बुजुर्गों की जान जा चुकी है। सभी न्यूज चैनल और बाबा लोग अपने अपने अंदाज में इस खतरनाक वायरस से बचने की और अफवाह से सावधान रहने की सलाह दे रहे है।
इन सभी परिस्थितियों को सरल भाषा में मैंने अपने शब्दों में कविता का रूप दिया है। आप सभी का प्यार और टिप्पणी अपेक्षित है।
करोना वायरस पर कविता
के कइलस जादू टोना
फइलल महामारी ।
हाय दइया आ गईल
कोरोना बेमारी।
हाय दइया आ...........।
वैद्य डाँक्टर न्यूज चैनल
एतना सुनावे।
केकर केकर बात मानी
जियरा डरावे ।
चारू ओर हाय दइया
हो गईल लाचारी ।
हाय दइया आ .......।
खतरा से डर गईल
सारा संसार
चारु ओर मच गईल
बावे हाहाकार।
बोली नमस्ते ना चुम्मा
ना अकवारी।
हाय दइया आ..........।
इ लफ्ज़ सबका के
बड़ा डेरवावे
हमारा अइसन निडर के भी
माथा ठनकावे।
ना जाने के खइलसन
उलुल जुलूल तारकारी।
हाय दइया आ..........
डर डर के दिन बिते
रतिया जाग जाग के।
का खाई कहां जाईं
रहीं भाग भाग के।
अइसन डेराय गइनीं
भईनी अधमारी।
हाय दइया आ..............।
Corona par kavita |
बात हामार मानी
कवनो डर नाहीं भइया।
रखीं साफ सफाई
खेवीं जीवन के नईया।
स्वस्थ रहीं मस्त रहीं
ई हवा दिन चारी।
हाय दइया आ................।
ये काका ए चाचा
ई ना अफवाह ।
बरती एहतियात
ना त हो जइब तबाह।
नजर अंदाज ना करी
बनी शाकाहारी ।
हाय दइया आ.................।
अइसन ब्यार बहल
बाड़ा डर लागता।
करोना के नाम सुनी
हाड़ हाड़ कापता।
ना जाई रउरा लोगीन
केहुके दुवारी
हाय दइया आ......।
फरके से गोड़ लागी
दुरही से बात।
कुछे दिन निभाई भाई,
बनल रही साथ।
रहम हम रउआ लोगीन के,
हरदम आभारी।
हाय दइया आ.........।
अइसन ब्यार बहल
बाड़ा डर लागता।
करोना के नाम सुनी
हाड़ हाड़ कापता।
ना जाई रउरा लोगीन
केहुके दुवारी
हाय दइया आ......।
फरके से गोड़ लागी
दुरही से बात।
कुछे दिन निभाई भाई,
बनल रही साथ।
रहम हम रउआ लोगीन के,
हरदम आभारी।
हाय दइया आ.........।
धन्यवाद पाठकों
रचना कृष्णावती कुमारी,
नोट -कोई गलती हो तो माफ करें।
Very nice poem on present situation
जवाब देंहटाएंAti sundar
हटाएंVery true
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर कविता।
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