भगत सिंह पर कविता। Bhagat Singh par kavita 2020 - Krishna Official

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शनिवार, 18 जनवरी 2020

भगत सिंह पर कविता। Bhagat Singh par kavita 2020

           Bhagat Singh par kavita 

                   भगत सिंह पर कविता 

मैंने इस रचना में  भाई कुलतार सिंह के  नाम  पत्र में  कुछ अपनी कल्पनाओं को स्थान  दिया  है और  शायद  मन :स्थिति  यही  रही होगी  वर्णन  किया है। त्रुटियों को  नजर अंदाज करेंगे।आप सभी  का  प्यार  अपेक्षित है। 

                          कविता

                    


शहीदे  आजम  भगत सिंह ने 
अन्तिम  पत्र लिखा था 
नाम से  भाई  कुलतार सिंह के 
उद्दगार  मन का, व्यक्त  किया था।

आज तुम्हारी आँखों में
मैं आंसू  देख  दु:खी हुआ ।
अब  ए  तेरे  आंसू भाई
सहन  नहीं  मुझसे  हुआ।

बरखुरदार, हिम्मत  रखके शिक्षा पाना
शेहत को  चंगा रखना ।
और क्या लिखूंँ क्या कहूंँ
हौसला हरदम रखना।

मैं भगत  तेरा, तेरे स्पन्दन में  सदा रहूंगा
मैं जिन्दा था मैं जिंदा हूं मैं  जिन्दा सदा रहूंगा।
भारत माता की खातीर
हसते हसते बलि  चढूंगा ।

मेरी महक हवाओं संग
मेरे आंगन को महकायेगी।
खेतों की हरियाली से खुशबू
तुझ तक  आयेगी।

मत रोना मेरे मरने पर
कई भगत मेरे जैसे होंगे।
जब  फिरंगी घुटने टेकेंगे
तब स्वर्ग से हम हर्षित होंगे।

मानो अब वो दिन दूर नहीं
जब बिगुल बजेगी आजादी की।
भागो भागो छोड़ो भारत
दिन  आये  तेरे  बर्बादी की ।

सीने  पर  गाड़  देना  तिरंगा
तब  फिरंगी  सांस  लेने  को तरसेगा ।
मर  जायेगा मिट जायेगा
तब भारत  में खुशियों  का  लहर दौडेंगा।
                     

                      जय हिंद 

                     धन्यवाद  पाठकों                 
                    रचना-कृष्णावती कुमारी




                           

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